EPFO New Withdrawal Rules : Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) ने 13 अक्टूबर 2025 को नए निकासी नियम पेश किए हैं, जो 7 करोड़ से अधिक EPF सदस्यों को प्रभावित करेंगे। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य निकासी प्रक्रिया को सरल बनाना और सदस्यों की रिटायरमेंट सुरक्षा को बनाए रखना है। हालांकि, कुछ आलोचकों का मानना है कि नए नियम बेरोजगारी के समय सदस्यों को उनकी खुद की बचत तक पहुंचने में मुश्किल पैदा करेंगे।
EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने निकासी के 13 जटिल प्रावधानों को घटाकर तीन सरल श्रेणियों में बदल दिया है: आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी), आवास की जरूरतें, और विशेष परिस्थितियां। सदस्य अब अपने eligible balance का 100% तक निकाल सकते हैं, लेकिन खाते में हमेशा 25% न्यूनतम शेष राशि बनी रहनी चाहिए।
नए EPFO नियमों की मुख्य बातें
तत्काल निकासी: 75% तुरंत, 25% एक साल बाद
- बेरोजगार होने पर तुरंत 75% EPF बैलेंस निकाल सकते हैं (employer और employee contribution दोनों)
- बाकी 25% को 12 महीने बेरोजगार रहने के बाद ही निकाला जा सकता है
- पेंशन निकासी के लिए प्रतीक्षा अवधि 36 महीने (पहले 2 महीने थी)
- 55 वर्ष की आयु के बाद रिटायरमेंट, स्थायी विकलांगता या भारत स्थायी रूप से छोड़ने पर पूर्ण निकासी की अनुमति
सरलीकृत निकासी श्रेणियां : EPFO New Withdrawal Rules
- आवश्यक जरूरतें: शिक्षा (10 बार तक), शादी (5 बार तक), बीमारी
- आवास जरूरतें: घर खरीदने या बनाने के लिए
- विशेष परिस्थितियां: बिना कारण बताए साल में 2 बार निकासी
न्यूनतम सेवा अवधि और ब्याज
- सभी श्रेणियों के लिए केवल 12 महीने की सदस्यता जरूरी (पहले 5-7 साल थी)
- 25% न्यूनतम बैलेंस पर 8.25% वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा
- यह रकम compounding के साथ बढ़ती रहेगी
विवाद: क्यों आलोचना हो रही है?
कई विपक्षी नेताओं और वित्तीय विशेषज्ञों ने नए नियमों पर चिंता जताई है। TMC सांसद Saket Gokhale ने इसे “वेतनभोगी लोगों के अपने ही पैसे की खुली चोरी” करार दिया।
EPFO New Withdrawal Rules : मुख्य आपत्तियां
- 12 महीने का इंतजार: पहले नौकरी छूटने के 2 महीने बाद पूरा PF निकाल सकते थे, अब 12 महीने इंतजार करना होगा
- 36 महीने पेंशन वेट: EPS-95 पेंशन निकासी के लिए 3 साल बेरोजगार रहना जरूरी
- 25% लॉक-इन: कई लोगों का कहना है कि यह उनके अपने पैसे पर प्रतिबंध है
- कैश फ्लो प्रभाव: बेरोजगारी के दौरान तुरंत जरूरत पड़ने पर पूरी राशि नहीं मिल पाएगी
विशेषज्ञों की राय: Compounding का नुकसान
TaxBuddy.com के फाउंडर Sujit Bangar ने LinkedIn पर चेतावनी दी कि आसान निकासी से रिटायरमेंट फंड खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “₹5 लाख अगर 25 साल तक 8.25% ब्याज पर रहे तो ₹33.22 लाख बनता है। बीच में निकाल लिया तो आधा रह जाएगा।”
भारत की पेंशन समस्या
- भारत की पेंशन संपत्ति GDP का सिर्फ 13% है
- स्विट्जरलैंड (160%), अमेरिका (142%), UK (79%) की तुलना में बहुत कम
- 50% EPF सदस्यों के पास final settlement पर ₹20,000 से कम है
- 75% पेंशन सदस्य 4 साल के अंदर पूरी पेंशन निकाल लेते हैं
सरकार का स्पष्टीकरण
श्रम मंत्रालय और EPFO ने सोशल मीडिया की आलोचनाओं को गलत बताया है। EPFO Chief Ramesh Krishnamurthi ने कहा कि ये बदलाव सदस्यों के दीर्घकालिक हित में हैं।
सरकार के तर्क
- बार-बार निकासी से लोगों के पास रिटायरमेंट पर कम पैसा बचता है
- 1.25 करोड़ लोग नौकरी बदलते समय PF निकाल लेते हैं और फिर दूसरी नौकरी ज्वाइन करते हैं
- 25% न्यूनतम बैलेंस compounding का फायदा देगा
- पूर्ण निकासी की सुविधा रिटायरमेंट, disability आदि पर बरकरार है
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