Ratan Tata : आज 9 अक्टूबर 2025 को रतन टाटा जी की पहली पुण्यतिथि है। पिछले साल इसी दिन 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ था। वे सिर्फ एक उद्योगपति नहीं बल्कि एक दूरदर्शी, मानवतावादी और सच्चे देशभक्त थे। उनके नेतृत्व में Tata Group एक छोटी भारतीय कंपनी से बढ़कर विश्वव्यापी कंपनी बनी।
Tata Group का विश्वव्यापी विस्तार
Ratan Tata ने 1991 से 2012 तक Tara Group के चेयरमैन के रूप में काम किया। उनके दो दशकों के नेतृत्व में कंपनी का राजस्व 40 गुना बढ़ा। उन्होंने कई बड़े अधिग्रहण किए जैसे टेटली टी (2000), कोरस स्टील (2007) और जगुआर लैंड रोवर (2008)। आज टाटा ग्रुप 100 से ज्यादा देशों में काम कर रहा है और इसकी 2/3 आमदनी भारत के बाहर से आती है।
एक अविस्मरणीय घटना
2008 में मुंबई टेरर अटैक के दौरान ताज होटल भी निशाना बना था। रतन टाटा खुद वहां पहुंचे और बोले – “यह सिर्फ एक होटल नहीं, हमारी विरासत है।” उन्होंने कर्मचारियों और मेहमानों के परिवारों की मदद की और होटल को फिर से बनवाया। इस घटना ने दिखाया कि वे कितने संवेदनशील इंसान थे। “हमें कभी भी हार नहीं मानना चाहिए” – यही उनका जीवन मंत्र था।

Ratan Tata की मुख्य उपलब्धियां
- टाटा इंडिका लॉन्च की – भारत की पहली स्वदेशी कार
- TCS को पब्लिक कंपनी बनाया और IT सेक्टर में भारत को लीडर बनाया
- जगुआर लैंड रोवर खरीदकर लक्जरी कार मार्केट में प्रवेश किया
- टाटा नैनो लॉन्च की – दुनिया की सबसे सस्ती कार
- 60 से ज्यादा कंपनियों का अधिग्रहण किया
सामाजिक कल्याण में योगदान
रतन टाटा का दिल हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों के लिए धड़कता था। टाटा ट्रस्ट के जरिए उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के लिए अरबों रुपए दान किए। कोविड काल में उन्होंने 1500 करोड़ रुपए की मदद की। मुंबई में जानवरों के लिए अस्पताल भी बनवाया।
व्यक्तित्व की विशेषताएं
- सादगी: अरबपति होकर भी टाटा इंडिगो में घूमते थे
- दयालुता: सड़क के कुत्तों से प्यार करते थे
- विनम्रता: कभी अपनी तारीफ नहीं कराई
- ईमानदारी: व्यापार में नैतिकता को प्राथमिकता दी
- दूरदर्शिता: हमेशा भविष्य की सोचते थे
देश और दुनिया की श्रद्धांजलि
आज सोशल मीडिया पर #RatanTata ट्रेंड कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उद्योगपति और आम लोग सभी उन्हें याद कर रहे हैं। Google के CEO सुंदर पिचाई ने उन्हें भारतीय उद्योग का मार्गदर्शक बताया। टाटा ट्रस्ट ने एक भावुक संदेश जारी किया है।
रतन टाटा का जीवन हमें सिखाता है कि सफलता का मतलब सिर्फ पैसा कमाना नहीं, बल्कि समाज की सेवा करना है। उनकी विरासत हमेशा भारतीय उद्योग को प्रेरणा देती रहेगी। वे कह गए थे – “कोई भी लोहे को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसका जंग कर सकता है। इसी तरह कोई भी इंसान को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी सोच कर सकती है।”
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