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Diwali 2025 : रोशनी, समृद्धि और खुशियों का त्योहार, जानिए क्यो है इस साल की दिवाली इतनी ख़ास

On: Wednesday, October 8, 2025 2:56 PM
Diwali 2025
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दीवाली का इतिहास और महत्व

Diwali 2025 : दिवाली, जिसे दीपावली भी कहते हैं, अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह कार्तिक माह के अमावास्या (नए चाँद) की रात मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार, भगवान राम ने लंका पर रावण पर विजय के बाद अयोध्या लौटते समय दीपों से शहर को जगमगाया था। तभी से दीवाली का उत्सव शुरू हुआ।

धनतेरस – समृद्धि का आरंभ : Diwali 2025

दिवाली पर्व की शुरुआत Dhanteras से होती है जो 18 अक्टूबर 2025 को है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा कर आर्थिक समृद्धि और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना की जाती है। घर की सफाई-स्वास्थ्य कर दीपक जलाकर संपत्ति पर प्रसन्नता आकर्षित की जाती है।

लक्ष्मी पूजा का विधान और मुहूर्त : Diwali 2025

  • Lakshami Pooja तिथि: 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
  • अमावास्या तिथि प्रारंभ: 20 अक्टूबर शाम 12:11 बजे, अंत: 21 अक्टूबर रात्रि 10:43 बजे
  • Lakshami Pooja मुहूर्त: 6:59 PM से 8:32 PM (प्रातोडश काल)
  • सर्वोत्तम समय (वृषभ काल): 7:08 PM से 9:03 PM

इस साल दिवाली की ख़ास बाते

  1. कैलिफ़ोर्निया ने Diwali को राज्य छुट्टी के रूप में घोषित किया
    2025 में कैलिफ़ोर्निया ने आधिकारिक रूप से Diwali को राज्य छुट्टी घोषित किया, जिससे यह तीसरा अमेरिकी राज्य बना। इस कदम से स्कूल, कॉलेज और सरकारी कर्मचारी Diwali पर छुट्टी का लाभ उठा सकेंगे। यह निर्णय इंडियन अमेरिकन समुदाय के लिए गर्व और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।
  2. Diwali से पहले स्वदेशी मेले: स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा
    उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में Diwali से पहले स्वदेशी मेले आयोजित किए जा रहे हैं। इन मेलों में स्थानीय हस्तशिल्प, ऑर्गेनिक उत्पाद और छोटे व्यवसायों के प्रोडक्ट प्रदर्शित होते हैं। इससे छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलता है और Diwali पर खरीदारी के विकल्प भी टिकाऊ और आर्थिक रूप से सहायक बनते हैं।
  3. वर्चुअल Diwali सेलिब्रेशन: तकनीक के जरिए त्यौहार की खुशी
    आजकल लोग दूर रहकर भी वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर Diwali मना रहे हैं। ऑनलाइन टॉम्बोला, गाला नाइट्स, लाइव एंटरटेनमेंट और टैलेंट शो जैसी गतिविधियाँ त्योहार की खुशी बनाए रखती हैं। तकनीक की मदद से परिवार और दोस्तों के बीच की दूरी मिटती है और Diwali का अनुभव और रोचक बनता है।
Diwali 2025

पूजा और ध्यान रखने योग्य बातें

  • साफ-सफाई: पूजा स्थल और घर को खुबसूरत रखें।
  • सामग्री: शुद्ध घी के दीये, लाल कपड़ा, चोकर, रोली, फूल और प्रसाद पहले से तैयार रखें।
  • समय का पालन: निर्धारित मुहूर्त में पूजा करना शुभ रहता है।
  • बिजली बचत: दीये जलाएं, इलेक्ट्रिक लाइट कम करें।

पांच दिवसीय त्योहार क्रम

दीवाली के बाद हिंदू नववर्ष भी आरंभ होता है। यह पांच दिन तक चलता है:

  • Dhanteras (18 अक्तूबर): संपत्ति पूजा
  • छोटी दिवाली/नरक चतुर्दशी (19 अक्तूबर): नरकासुर वध का स्मरण
  • मुख्य दीवाली/Lakshami Pooja (20 अक्तूबर)
  • गोवर्धन पूजा/अन्नकूट (21 अक्तूबर): शाकाहारी व्यंजन अर्पित
  • भाई दूज (22 अक्तूबर): भाई-बहन का पावन बंधन

दीपों का त्योहार: उत्सव के रंग

  • घर और चौखट पर रंगोली, फूल और दिये सजाए जाते हैं।
  • शाम को दीप और मोमबत्तियाँ जलाकर अंधकार हटाया जाता है।
  • पटाखों की चमक से आकाश जगमगा उठता है।
  • मिठाइयाँ और नये वस्त्र पहनकर मन में उमंग भर जाती है।

शुभकामनाएँ और नववर्ष : Happy Diwali 2025 and New year

दीपावली की रात घर-परिवार में मिठाई बांटें और एक-दूसरे को शुभ दीपावली और नववर्ष की शुभकामनाएँ! कहें। यह न केवल उत्सव का हिस्सा है बल्कि नए साल के स्वागत की भावना को भी जगमगाता है।

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