अमेरिका सरकार ने 21 सितंबर 2025 से लागू होने वाले नए प्रावधान के तहत H-1B वीजा फ़ीस को मौजूदा लगभग $1,500 से बढ़ाकर $100,000 सालाना कर दिया है। इस कदम से भारतीय आईटी पेशेवरों तथा अमेरिकी कंपनियों पर गहरा असर पड़ेगा।
पुरानी H1B Visa वीजा फ़ीस संरचना
– H1B Visa लॉटरी पंजीकरण शुल्क: $215 प्रति आवेदक
– I-129 याचिका फ़ाइलिंग शुल्क: $780 प्रति आवेदन
– जोड़-तोड़ शुल्क (ACWIA, Fraud Prevention, Public Law Surcharges): लगभग $500
– प्रीमियम प्रोसेसिंग (वैकल्पिक): $2,500
मोटे तौर पर, एक नए H1-B Visa आवेदन पर कंपनियों को $1,495–$2,995 तक की कुल फ़ीस चुकानी होती थी।
नई H1B Visa फ़ीस: $100,000 सालाना
21 सितंबर से लागू नई कार्यकारी घोषणा के तहत:
- प्रत्येक नए H1-B Visa स्पेशल्टी ऑक्युपेशन याचिका पर $100,000 का अतिरिक्त शुल्क।
- यह वार्षिक शुल्क अगले 12 महीने तक रहेगा, फिर बढ़ाया या घटाया जा सकता है।
- मौजूदा H-1B धारकों पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा; केवल विदेश में रहने वाले नए आवेदकों पर असर पड़ेगा।
- $100,000 फ़ीस का उद्देश्य “अमेरिकी श्रमिकों के हित” को प्राथमिकता देना और आउटसोर्सिंग कंपनियों के जरिए दुर्व्यवहार रोकना बताया गया है।
भारत पर प्रभाव
- व्यावसायिक अस्थिरता: भारत से 71% H1-B Visa वीजा धारक आते हैं; नई फ़ीस से भारतीय आईटी कंपनियाँ और स्टार्टअप बड़ी वित्तीय बाधाओं का सामना करेंगे।
- परिवारों का विस्थापन: अचानक लागू एक-दिन की समयसीमा कंपनियों और पेशेवरों के लिए योजनाओं में गड़बड़ी ला सकती है, जिससे भारतीय प्रवासी परिवार प्रभावित होंगे।
- वैकल्पिक मार्ग: O-1, L-1, F-1 छात्र वर्क विकल्प, EB-2 National Interest Waiver जैसे वीजा मार्ग लोकप्रिय हो सकते हैं।
नियामक और कानूनी चुनौतियाँ
– नासकॉम ने नई H1B Visa फ़ीस को “व्यापार और परियोजनाओं में व्यवधान” करार दिया है, और तुरंत कार्यवाही की अपील की है।
– कई इमिग्रेशन लॉ फार्म्स उच्च न्यायालयों में आपातकालीन मुकदमे दायर करने की तैयारी कर रहे हैं, यह कहते हुए कि यह घोषणा संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर सकती है।
क्या करें?
- योजना-निवारण: कंपनियों को H1B Visa की बजाय अलग वीजा श्रेणियाँ या ऑफशोर मॉडल पर विचार करना चाहिए।
- अपवाद मानदंड: राष्ट्रीय हित छूट के तहत कुछ याचिकाएँ मुक्त हो सकती हैं; इसके लिए DHS से पूर्वमंजूरी आवश्यक है।
- समझौते की समीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय भर्ती रणनीति और बजट पुनर्निर्धारण करें।
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