CIBIL Score : भारत में पहली बार लोन लेने वाले ( First-time loan borrowers ) युवाओं और नए उद्यमियों के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। अब बैंक एवं एनबीएफसी (Non-Banking Finance Companies) किसी न्यूनतम सिबिल स्कोर की अनिवार्यता नहीं रखेंगे। वित्त मंत्रालय और RBI ने इस नए दिशा-निर्देश से करोड़ों लोगों को लोन मिलने में आसानी कर दी है।
RBI का मास्टर डायरेक्शन और नया नियम
RBI ने 6 जनवरी 2025 को जारी मास्टर डायरेक्शन के तहत बैंक और वित्तीय संस्थानों को साफ निर्देश दिए हैं कि पहले लोन लेने वालों के आवेदन को केवल क्रेडिट हिस्ट्री के अभाव में खारिज नहीं किया जा सकता। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि इस कदम का उद्देश्य वित्तीय समावेशन बढ़ाना और नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है।
भारत सरकार के नए निर्देशों के अलावा, आरबीआई ने लोन वालों के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया है जहां वे अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं। इससे बैंक शाखाओं पर भीड़ कम होगी और प्रक्रिया और तेज़ हो जाएगी। डिजिटल इंडिया पहल के तहत जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित क्रेडिट मूल्यांकन टूल भी आने वाला है, जो छोटे कारोबारियों की इनकम स्ट्रीम और व्यापार वॉल्यूम के आधार पर तुरंत लोन एप्रूवल सुझाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इन तकनीकी सुधारों से लघु उद्योग और स्टार्टअप्स को फंडिंग मिलना पहले से भी आसान हो जाएगा। सरकार योजना बना रही है कि वित्तीय साक्षरता के लिए कॉल सेंटर और मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को क्रेडिट स्कोर सुधारने की टिप्स दी जाएँ, ताकि आने वाले वर्षों में स्वस्थ क्रेडिट कल्चर विकसित हो सके।
लागू होने की तारीख और प्रभाव
- नियम तुरंत लागू हो चुका है।
- सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को इसका पालन करना अनिवार्य है।
- लगभग 30–40% युवा पहली बार लोन लेने वालों ( First-time loan borrowers ) के रूप में इस बदलाव से सीधे लाभान्वित होंगे।

बैंक अब किन आधारों पर देंगे लोन?
बैंक अभी भी आवेदक की रिटर्न कैपेसिटी पर ध्यान देंगे, लेकिन क्रेडिट स्कोर के साथ-साथ निम्न मापदंडों पर भी विचार होगा:
- आवेदक की मासिक/वार्षिक आय और रोजगार की स्थिरता
- मौजूदा देनदारियां व EMI रिकॉर्ड
- बैंक स्टेटमेंट और संपत्ति विवरण
- पहले किए गए EMI या क्रेडिट कार्ड भुगतान का रिकॉर्ड
- व्यवसाय की प्रकृति, आयु, शिक्षा और अनुभव
CIBIL Score का भविष्य
सरकार ने स्पष्ट किया है कि CIBIL स्कोर समाप्त नहीं हो रहा। CIBIL और अन्य क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियाँ पहले की तरह काम करती रहेंगी। बेहतर क्रेडिट स्कोर वाले लाभ उठाते रहेंगे:
- कम ब्याज दरों पर लोन
- उच्चतम लोन अमाउंट
रिपोर्ट फीस और मुफ्त सुविधा
- क्रेडिट रिपोर्ट की अधिकतम फीस ₹100 तय की गई है।
- प्रत्येक नागरिक को प्रतिवर्ष एक बार पूरी रिपोर्ट मुफ्त में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में मिलेगी।
युवा, उद्यमी और स्वरोजगारियों को मिलेगी राहत
यह नियम खासतौर पर इन समूहों के लिए वरदान साबित होगा:
- नई नौकरी में शामिल युवा
- पहले कभी क्रेडिट कार्ड या लोन न लिया हो
- छोटे व्यवसायी और ग्रामीण किसान
- महिला उद्यमी और स्टार्टअप संस्थापक
आगे की योजना
17–19 अक्टूबर को अतिरिक्त लोन एप्लीकेशन वीक आयोजित होगा, ताकि छूटे आवेदकों को भी मौका मिल सके। अगले चरण में निम्न कदम उठाए जाएंगे:
- ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर लोन सेंटर
- बैंकिंग जागरूकता रैली
- हेल्पलाइन नंबर और डिजीटल पोर्टल अपडेट
यह बदलाव भारत की वित्तीय प्रणाली को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। नई पीढ़ी अब बिना CIBIL स्कोर की चिंता किए, अपने सपनों को साकार कर पाएगी।
अस्वीकरण: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। ऋण लेने से पहले, कृपया अपने बैंक या वित्तीय संस्थान की नीतियों और ऋण आवश्यकताओं की समीक्षा करें। क्रेडिट स्कोर और ऋण नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए RBI या अपने बैंक से संपर्क करें। ऋण लेना एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है, लेकिन यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि आप इसे समय पर चुकाएँ।
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