Bitcoin: बिटकॉइन इस समय दुनिया भर में सुर्खियों में है। हाल की रिपोर्ट्स में दिख रहा है कि बिटकॉइन की कीमत ने अचानक तेज़ी पकड़ ली है और फिर थोड़ी गिरावट भी आई है। डोव जोन्स, नैस्डैक और S&P 500 में उतार-चढ़ाव के बीच बिटकॉइन ने अपनी स्थिरता साबित की है। अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते ट्रेड टेंशन और ट्रंप प्रशासन के नए टैरिफ फैसले ने पारंपरिक बाजारों को प्रभावित किया, जबकि बिटकॉइन निवेशकों ने इसे एक सुरक्षित विकल्प के रूप में अपनाया है।
भारत में भी Bitcoin की मांग बढ़ रही है। नए नियमों और RBI की संभावित गाइडलाइन्स का निवेशक बारीकी से इंतजार कर रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग से बिटकॉइन की विश्वसनीयता और बढ़ेगी। वहीं, चीन की सख्त क्रिप्टो पॉलिसीज़ के चलते वैश्विक आपूर्ति और मांग का संतुलन बदल सकता है। दीर्घकालीन निवेशकों के अलावा शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स भी इस उच्च वोलैटिलिटी का फायदा उठाने की कोशिश में हैं।

Bitcoin की ताज़ा ट्रेडिंग हाइलाइट्स
- कीमत में हाल की 24 घंटे में 10% की तेजी, $58,000 के स्तर को छूआ
- S&P 500 में 1.2% और Nasdaq में 1.5% की गिरावट के बीच बिटकॉइन में रैली
- अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के बीच ‘डिजिटल गोल्ड’ के रूप में उभरता सुरक्षित आश्रय
- चीन के नए क्रिप्टो प्रतिबंधों के बाद बिटकॉइन की ट्रेडिंग वॉल्यूम में 20% की वृद्धि
- CoinMarketCap पर शीर्ष Cryptocurrency में बिटकॉइन का मार्केट कैप $1.1 ट्रिलियन
- ऑन-चेन एनालिटिक्स दिखाती है Bitcoin वॉलेट्स में होल्डिंग 5% बढ़ी
क्यों बना Bitcoin चर्चा का विषय?
- पारंपरिक बाजारों की तुलना में क्रिप्टो में उच्च रिटर्न की संभावनाएं
- ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित सुरक्षा और पारदर्शिता
- वैश्विक मुद्रास्फीति और सरकारी मुद्राओं की कमजोरी के खिलाफ बचाव भंडार
- कीमत की तीव्र उतार-चढ़ाव ट्रैडर्स के लिए डेबिट-क्रेडिट अवसर
- ऑलटाइम हाई के करीब पहुंचने से निवेशकों का मनोबल बुलंद
Bitcoin की इस रैली का असर अन्य Cryptocurrency पर भी दिखाई दे रहा है। एथेरियम, बिनेंस कॉइन और सोलाना जैसी प्रमुख कॉइन्स ने भी प्रेसर से उठकर ग्रोथ दिखाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नियामक स्पष्टता मिलती है, तो बड़ी संस्थाएं और निवेश फंड बिटकॉइन को पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए प्रेरित होंगे।
अगले कुछ सप्ताह में अमेरिका से आने वाले आर्थिक डेटा, चीन के क्रिप्टो पॉलिसी अपडेट और प्रमुख फेडरल रिज़र्व फैसलों से बिटकॉइन की दिशा तय होगी। वर्तमान में निवेशक सतर्क हैं, लेकिन दीर्घकालीन होल्डर्स इसे ‘डिजिटल गोल्ड’ मानकर अपना भरोसा बनाए रख रहे हैं।
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