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Cabinet Gives Approval to 57 New Kendriya Vidyalayas: शिक्षा में बड़ा विस्तार, जानिये कौनसे राज्य को मिले कितने विद्यालय

On: Wednesday, October 1, 2025 6:14 PM
Cabinet Gives Approval to 57 New Kendriya Vidyalayas
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Cabinet Gives Approval to 57 New Kendriya Vidyalayas : सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में 57 नई केन्द्रीय विद्यालय ( Kendriya Vidyalayas ) खोलने की मंजूरी दी है। यह निर्णय देशभर में गुणवत्तापूर्ण मध्यवर्ती शिक्षा के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इन स्कूलों की स्थापना 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में होगी, जहां शिक्षा संसाधनों की कमी को पूरा किया जाएगा। केंद्रीय विद्यालय संगठन ( KVS ) के चेयरमैन ने बताया कि इन नए विद्यालयों से लगभग 60,000 अतिरिक्त छात्रों को लाभ मिलेगा और शिक्षकों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।

नई विद्यालयें विशेष रूप से दूरदराज और शहरी सीमावर्ती क्षेत्रों में खोली जाएंगी। पहले से चल रहे 1,349 Kendriya Vidyalayas की संख्या बढ़कर 1,406 हो जाएगी। सरकारी स्कूलों की तुलना में KVS में उच्च शैक्षणिक मानक, समन्वित पाठ्यक्रम और अंग्रेजी व हिंदी दोनों माध्यमों की सुविधा होती है। छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में बेहतर सफलता मिलती है।

Cabinet Gives Approval to 57 New Kendriya Vidyalayas

प्रमुख बिंदु : Cabinet Gives Approval to 57 New Kendriya Vidyalayas

  • कुल स्वीकृत विद्यालय: 57
  • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सूची: 28 क्षेत्र
  • नए छात्रों का लाभ: लगभग 60,000
  • शिक्षकों के मौके: 3,000+ नए नियुक्ति पद
  • कुल Kendriya Vidyalayas: बढ़कर 1,406

राज्यों में विस्तार : Cabinet Gives Approval to 57 New Kendriya Vidyalayas

कैबिनेट ने इन स्कूलों की स्थापना निम्नलिखित राज्यों में तय की है:

  • उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखण्ड
  • महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़
  • राजस्थान, गुजरात, ओडिशा
  • पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश
  • तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल
  • दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख
  • अन्य 10 केंद्रशासित प्रदेश और सीमावर्ती जिले

वित्तीय और प्रशासनिक व्यवस्था :

56वीं वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार, प्रत्येक विद्यालय के निर्माण और संचालन पर लगभग ₹12 करोड़ प्रति वर्ष खर्च होगा। केंद्र द्वारा 75% और राज्य सरकार द्वारा 25% फंडिंग का मॉडल अपनाया जाएगा। भूमि की व्यवस्था संबंधित राज्यों द्वारा की जाएगी और इमारत निर्माण PWD/CPWD के माध्यम से होगा। शिक्षक भर्ती के लिए केंद्रीय अधिसूचना निकाली जाएगी, जिसमें स्नातक पास उम्मीदवारों के लिए CTET अनिवार्य होगा।

सामाजिक और शैक्षणिक प्रभाव

KVS के ये नए विद्यालय शिक्षा के स्तर को समान करेंगे और ग्रामीण एवं शहरी छात्रों के बीच फासले कम करेंगे। Kendriya Vidyalayas में विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसी विषयों में विशेष कोचिंग और sports व cultural activities की सुविधा रहती है। इससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उन्हें लाभ मिलता है।

इस फैसले से सरकार की शिक्षा संवर्धन नीति को मजबूती मिलेगी और राष्ट्रीय एकता के सूत्र को भी बल मिलेगा। नए केन्द्रीय विद्यालयों का संचालन अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू होने की संभावना है, जिससे छात्रों और अभिभावकों को जल्दी से जल्दी लाभ मिल सकेगा।


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