Sharad Purnima 2025 : सोमवार, 6 अक्टूबर को आएगी। इस दिन पूर्णिमा तिथि प्रातः 12:23 बजे से शुरू होगी और अगले दिन प्रातः 9:16 बजे तक रहेगी। चंद्रमा उदय का समय लगभग शाम 5:30 बजे रहेगा, जब पूर्णिमा का चांद पूरी जगमगाहट से दिखाई देगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस रात को विशेष पूजा-अर्चना, व्रत और दान से धन-धन्य वृद्धि होती है।
Sharad Purnima का नाम “Sharad” ऋतु (Sharad Ritu) के अंत और harvest season की शुरुआत दर्शाता है। पुराणों में बताया गया है कि इस रात भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ Raas Leela की थी, जिससे यह रात divine प्रेम का प्रतीक मानी जाती है। वैदिक मान्यता के अनुसार चंद्रमा की किरणों में अमृत समान ऊर्जा होती है, जो स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करती है।

पूजा-विधि और मुख्य अनुष्ठान : Sharad Purnima
- चलिए तैयारी: साफ-सफाई कर पूजा स्थल सजाएं, दीपक, फूल और फल इकट्ठा करें।
- चंद्रमा की आराधना: शाम में चाँद निकलते ही ताजा kheer (चावल-मिल्क का खीर) चांदनी में रखें और उसे पूरी रात moonlight में खुला रहने दें।
- Tulsi चालीसा पाठ: रात में Tulsi Plant के पास Tulsi Chalisa का पाठ करें, जिससे धन-प्राप्ति के साथ मानसिक शांति मिलती है।
- मां लक्ष्मी की पूजा: घर में दीप जलाकर Lakshmi Puja करें और Sri Suktam का जाप करें।
- जागरण (Vigil): पूरे घर में या मंदिर में भजन-कीर्तन और कथा के माध्यम से रात भर जागरण करें।
- दान और सेवा: गरीबों को कंबल, भोजन या फल वितरण करें, जिससे पुण्य की वृद्धि होती है।
- स्नान और प्रातः प्रसाद: सुबह जल्दी स्नान करके पूजा आरती करें और khir का प्रसाद ग्रहण करें।
धार्मिक और आयुर्वेदिक लाभ
- स्वास्थ्यवर्धक प्रभाव: चाँदनी में रखी खीर औषधीय गुणों से भरपूर मानी जाती है, जिससे पाचन सुधरता है और शीतलता मिलती है।
- आयुर्वेद में महत्व: Sharad Purnima की रात का अमृतचंद्र रस शरीर के वात और पित्त संतुलन में सहायक होता है।
- भावनात्मक शांति: चंद्र देवता की कृपा से मानसिक तनाव और अनिद्रा दूर होती है।
- आर्थिक समृद्धि: तुलसी Chalisa और Lakshmi Puja करने से धन लाभ और संपत्ति की वृद्धि की मान्यता है।
Sharad Purnima 2025 का अवसर harvest festival, spiritual awakening और community service को जोड़ता है। इस दिन घर-परिवार एक साथ पूजन कर सुख-शांति का अनुभव कर सकते हैं। मंदिरों और community centres में विशेष कार्यक्रमों और satsangs का आयोजन भी होता है।
इस धार्मिक पर्व में भाग लेकर न केवल सांस्कृतिक धरोहर का जश्न मनाया जाता है, बल्कि inner healing और outer prosperity का मार्ग भी प्रशस्त होता है। इस Sharad Purnima पर Tulsi Chalisa और kheer offering के माध्यम से अमृतचंद्र की कृपा प्राप्त करें और जीवन में शांति व समृद्धि लाएँ।
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