भारत सरकार ने 27 सितंबर 2025 को BSNL 4G Service Officially Launch किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के झारसुगुड़ा से इस नेटवर्क का शुभारंभ किया, जिससे देशभर में 97,500 मोबाइल टॉवर्स पर 4G तकनीक पहली बार लागू हुई। इससे भारत उन चुनिंदा पांच देशों में शामिल हो गया है जो पूरी तरह से घरेलू रूप से निर्मित टेलीकोम उपकरण का उपयोग करते हैं।
स्वदेशी 4G स्टैक का महत्व : BSNL 4G Service Officially Launched
बीएसएनएल की नई “स्वदेशी” BSNL 4G सर्विस ₹37,000 करोड़ की लागत से विकसित की गई है। इस नेटवर्क के कोर एलिमेंट्स C-DOT, रेडियो एक्सेस नेटवर्क Tejas Networks और सिस्टम इंटीग्रेशन TCS ने मिलकर तैयार किए हैं। विदेशी निर्भरता समाप्त कर, यह पहल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगी।

ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में कनेक्टिविटी : BSNL 4G
नई BSNL 4G सर्विस 26,700 से अधिक पहले असंबद्ध गाँवों तक पहुंचाएगी, जिनमें से 2,472 गाँव केवल ओडिशा में हैं। ये क्षेत्र अक्सर निजी ऑपरेटर्स की कमाई-अक्षमता के कारण कनेक्टिविटी से वंचित रहे हैं। दूरदराज और LWE प्रभावित इलाकों में इंटरनेट पहुँचाकर किसानों, छात्रों और रोगियों को डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध होंगी।
ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर और भविष्य की तैयारी : BSNL 5G
97,500 टॉवर्स की वजह से यह दुनिया का सबसे बड़ा सोलर-पावर्ड टेलीकोम क्लस्टर बन गया है। सौर ऊर्जा से चलने वाले ये साइट्स पर्यावरण के अनुकूल हैं और भारत की नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करते हैं। नेटवर्क क्लाउड-आधारित है और इसे भविष्य में BSNL 5G में अपग्रेड करना आसान होगा; BSNL 5G सेवाएँ दिल्ली और मुंबई में दिसंबर 2025 तक शुरू करने की योजना है।
बीएसएनएल के बाजार में परिवर्तन
पुराना 3G नेटवर्क छोड़कर, बीएसएनएल अब 4G पेशकश के साथ निजी प्रतिस्पर्धियों—जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया—से प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। सरकार ने 4G प्लान्स को निजी ऑपरेटर्स से 30–40% सस्ता रखा है, जिससे अनुमानित 20 लाख नए ग्राहक जुड़ेंगे।
डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भरता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज से भारत अपनी तकनीकी क्षमता से दुनिया को दिखाएगा कि हम अपने स्वदेशी समाधान के साथ उच्चस्तरीय कनेक्टिविटी प्रदान कर सकते हैं।” यह कदम डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और ग्रामीण समावेशन की जिग्यासा को चरम पर ले जाएगा।
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